फिबोनाची रिट्रेसमेंट (Fibonacci Retracement)
फिबोनाची रिट्रेसमेंट एक लोकप्रिय तकनीकी टूल है, जिसका उपयोग स्टॉक मार्केट में संभावित सपोर्ट और रेजिस्टेंस स्तरों को पहचानने के लिए किया जाता है। यह टूल फिबोनाची संख्या श्रंखला (Fibonacci Sequence) के सिद्धांतों पर आधारित है। इसका उपयोग विशेष रूप से एंट्री और एग्जिट पॉइंट्स तय करने और मार्केट ट्रेंड को समझने में किया जाता है।
1. फिबोनाची के सिद्धांत (Principles of Fibonacci)
फिबोनाची संख्या श्रंखला (Fibonacci Sequence):
यह एक गणितीय क्रम है, जिसमें हर संख्या अपने पिछले दो अंकों का योग होती है।
उदाहरण: 0, 1, 1, 2, 3, 5, 8, 13, 21...इन नंबरों के बीच के अनुपात (ratios) को फिबोनाची रेशियो कहते हैं, जो तकनीकी एनालिसिस में उपयोग किए जाते हैं।
महत्वपूर्ण फिबोनाची रेशियो:
23.6%
38.2%
50% (आधिकारिक रूप से फिबोनाची रेशियो नहीं है, लेकिन अक्सर उपयोग किया जाता है)
61.8%
78.6%
कैसे काम करता है?
यह मानता है कि कोई भी बड़ा प्राइस मूवमेंट (uptrend या downtrend) कुछ हद तक "रिट्रेस" करता है, यानी अपनी चाल का कुछ प्रतिशत वापस लेता है।
इन रिट्रेसमेंट स्तरों पर कीमत सपोर्ट या रेजिस्टेंस पा सकती है।
2. रिट्रेसमेंट स्तर की पहचान (Identifying Retracement Levels)
फिबोनाची रिट्रेसमेंट टूल का उपयोग:
महत्वपूर्ण हाई और लो पॉइंट्स चुनें:
एक अपट्रेंड में, लो पॉइंट से हाई पॉइंट तक।
एक डाउनट्रेंड में, हाई पॉइंट से लो पॉइंट तक।
फिबोनाची टूल लागू करें:
आपके चार्टिंग प्लेटफॉर्म (जैसे Zerodha, TradingView) में यह टूल उपलब्ध होगा।
चयनित हाई और लो पॉइंट्स के बीच यह टूल रिट्रेसमेंट स्तर (23.6%, 38.2%, 50%, 61.8%, 78.6%) को दर्शाएगा।
अवलोकन करें:
देखें कि कीमत इन स्तरों पर कैसे प्रतिक्रिया करती है।
प्रमुख रिट्रेसमेंट स्तर:
23.6%: हल्का रिट्रेसमेंट; छोटी मूवमेंट का संकेत।
38.2%: मजबूत रिट्रेसमेंट का पहला संकेत।
50%: मध्य स्तर, जहां कीमत अक्सर सपोर्ट या रेजिस्टेंस पाती है।
61.8%: गोल्डन रेशियो (Golden Ratio), सबसे महत्वपूर्ण स्तर।
78.6%: गहरे रिट्रेसमेंट का संकेत।
चार्ट पर रिट्रेसमेंट का उपयोग:
अगर स्टॉक अपट्रेंड में है और करेक्शन आ रहा है, तो फिबोनाची स्तर संभावित सपोर्ट ज़ोन दिखाते हैं।
अगर स्टॉक डाउनट्रेंड में है, तो ये स्तर संभावित रेजिस्टेंस ज़ोन दिखाते हैं।
3. एंट्री और एग्जिट पॉइंट्स का निर्धारण (Determining Entry and Exit Points)
एंट्री पॉइंट्स (Entry Points):
बुलिश ट्रेंड में:
जब कीमत 38.2% या 50% रिट्रेसमेंट स्तर तक गिरकर फिर से ऊपर बढ़े।
यह संकेत देता है कि अपट्रेंड फिर से जारी रहेगा।
डाउनट्रेंड में:
जब कीमत 38.2% या 50% तक बढ़कर फिर से नीचे गिरने लगे।
यह डाउनट्रेंड जारी रहने का संकेत है।
एग्जिट पॉइंट्स (Exit Points):
सपोर्ट या रेजिस्टेंस स्तर:
अगर आप पहले से ट्रेड में हैं, तो फिबोनाची स्तरों का उपयोग एग्जिट पॉइंट तय करने में करें।
उदाहरण: अपट्रेंड में, 61.8% स्तर से ऊपर निकलने पर प्रॉफिट बुक करें।
ब्रेकआउट या ब्रेकडाउन:
अगर कीमत फिबोनाची स्तर को तोड़ती है, तो अगले स्तर को एग्जिट पॉइंट मानें।
स्टॉप लॉस सेट करें:
हमेशा फिबोनाची स्तर से थोड़ा नीचे (बुलिश ट्रेंड) या थोड़ा ऊपर (बियरिश ट्रेंड) स्टॉप लॉस सेट करें।
फिबोनाची रिट्रेसमेंट का उपयोग कैसे करें?
संकेतकों के साथ संयोजन (Combining with Other Indicators):
RSI:
अगर RSI ओवरसोल्ड स्थिति दिखा रहा है और कीमत फिबोनाची सपोर्ट स्तर पर है, तो खरीद का संकेत हो सकता है।
MACD:
MACD क्रॉसओवर और फिबोनाची रिट्रेसमेंट स्तर एक साथ मजबूत सिग्नल देते हैं।
कैंडलस्टिक पैटर्न्स:
सपोर्ट या रेजिस्टेंस स्तरों पर बुलिश/बियरिश कैंडलस्टिक पैटर्न रिवर्सल का संकेत देते हैं।
ट्रेडिंग रणनीति:
सपोर्ट स्तर पर खरीदें:
अगर अपट्रेंड में कीमत 38.2% या 50% पर सपोर्ट पाती है।
रेजिस्टेंस स्तर पर बेचें:
अगर डाउनट्रेंड में कीमत 38.2% या 50% पर रेजिस्टेंस का सामना करती है।
लंबी अवधि और छोटी अवधि:
लंबी अवधि के लिए, डेली या वीकली चार्ट पर फिबोनाची स्तर का उपयोग करें।
छोटी अवधि के लिए, 15-मिनट या 1-घंटे के चार्ट पर इसका उपयोग करें।
फायदे और सीमाएं (Advantages and Limitations)
फायदे:
सरल और प्रभावी।
सपोर्ट और रेजिस्टेंस स्तर आसानी से पता लगते हैं।
अन्य टूल्स के साथ मिलाने पर मजबूत सिग्नल देता है।
सीमाएं:
100% सटीक नहीं होता।
अकेले इस्तेमाल करने पर गलत सिग्नल मिल सकते हैं।
विभिन्न ट्रेंड्स और टाइम फ्रेम्स में अलग-अलग परिणाम दे सकता है।
निष्कर्ष (Conclusion):
फिबोनाची रिट्रेसमेंट तकनीकी एनालिसिस में एक अत्यंत उपयोगी टूल है। यह संभावित सपोर्ट और रेजिस्टेंस स्तरों को पहचानने में मदद करता है और एंट्री और एग्जिट रणनीतियों को सटीक बनाता है। हालांकि, इसे अन्य इंडिकेटर्स के साथ संयोजन में उपयोग करना चाहिए ताकि बेहतर परिणाम मिल सकें।
अगले लेख में: हम चर्चा करेंगे सपोर्ट और रेजिस्टेंस (Support and Resistance)।