गेप एनालिसिस (Gap Analysis)

गेप एनालिसिस एक महत्वपूर्ण तकनीकी टूल है जिसका उपयोग बाजार में कीमतों के असमान उतार-चढ़ाव को समझने के लिए किया जाता है। गेप तब होता है जब एक कैंडलस्टिक या प्राइस बार के बीच कोई प्राइस अंतराल होता है, यानी अगले कैंडलस्टिक की ओपनिंग प्राइस पहले कैंडलस्टिक के क्लोजिंग प्राइस से काफी दूर होती है। यह अंतराल या गैप विभिन्न प्रकार के बाजार आंदोलनों और ट्रेडिंग सिग्नल्स का संकेत देता है।


1. गेप के प्रकार (Types of Gaps)

1.1 ब्रेकअवे गेप (Breakaway Gap):

1.2 रनअवे गेप (Runaway Gap):

1.3 एग्जॉस्टन गेप (Exhaustion Gap):


2. गेप फिलिंग की संभावना (Gap Filling Possibility)

कभी-कभी गेप फिल नहीं होता:


3. गेप ट्रेडिंग रणनीतियां (Gap Trading Strategies)

3.1 ब्रेकअवे गेप ट्रेडिंग (Breakaway Gap Trading):

3.2 रनअवे गेप ट्रेडिंग (Runaway Gap Trading):

3.3 एग्जॉस्टन गेप ट्रेडिंग (Exhaustion Gap Trading):

3.4 गैप फिलिंग (Gap Filling) ट्रेडिंग:


निष्कर्ष (Conclusion):

गैप एनालिसिस एक बहुत प्रभावी टूल है, जो आपको बाजार के महत्वपूर्ण मोमेंटम और प्राइस मूवमेंट को पहचानने में मदद करता है। ब्रेकअवे, रनअवे और एग्जॉस्टन गेप्स के विभिन्न प्रकारों को समझकर और उनकी सही पहचान करके आप बेहतर ट्रेडिंग निर्णय ले सकते हैं। हालांकि, गैप ट्रेडिंग के दौरान वॉल्यूम और रिटेस्ट की अहमियत को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह आपको झूठे सिग्नल से बचा सकता है।

अगले लेख में: हम टाइम फ्रेम का महत्व (Importance of Time Frames) के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।