वॉल्यूम एनालिसिस (Volume Analysis)

वॉल्यूम स्टॉक मार्केट में एक महत्वपूर्ण संकेतक (indicator) है, जो यह बताता है कि किसी समय सीमा (time frame) में कितने शेयरों की खरीद-फरोख्त हुई। वॉल्यूम का अध्ययन करना इस बात की जानकारी देता है कि बाजार में खरीददारों और विक्रेताओं की ताकत कितनी है। यह प्राइस मूवमेंट की ताकत (strength) और स्थिरता (reliability) का भी आकलन करने में मदद करता है।

इस लेख में, हम वॉल्यूम एनालिसिस के महत्व, वॉल्यूम और प्राइस मूवमेंट के बीच के संबंध, और वॉल्यूम-बेस्ड इंडिकेटर्स पर चर्चा करेंगे।


1. वॉल्यूम का महत्व (Importance of Volume)

वॉल्यूम क्या बताता है?

क्यों महत्वपूर्ण है?


2. वॉल्यूम और प्राइस मूवमेंट का संबंध (Volume and Price Movement Relationship)

i. वॉल्यूम और ट्रेंड्स:

ii. वॉल्यूम और ब्रेकआउट:

iii. वॉल्यूम और रिवर्सल:


3. वॉल्यूम-बेस्ड इंडिकेटर्स (Volume-Based Indicators)

i. ऑन बैलेंस वॉल्यूम (On Balance Volume - OBV):


ii. वॉल्यूम वेटेड एवरेज प्राइस (VWAP):


iii. वॉल्यूम ऑस्सीलेटर (Volume Oscillator):


iv. मनी फ्लो इंडेक्स (Money Flow Index - MFI):


वॉल्यूम एनालिसिस में सावधानियां


निष्कर्ष (Conclusion):

वॉल्यूम एनालिसिस बाजार की ताकत और संभावित दिशा को समझने का एक शक्तिशाली उपकरण है। वॉल्यूम और प्राइस मूवमेंट के बीच का संबंध बाजार की भागीदारी और ट्रेंड्स की स्थिरता को दर्शाता है। वॉल्यूम-बेस्ड इंडिकेटर्स, जैसे OBV, VWAP, और MFI, ट्रेडर्स को सटीक निर्णय लेने में मदद करते हैं।

अगले लेख में: हम चर्चा करेंगे फिबोनाची रिट्रेसमेंट और प्राइस एक्शन पर।